एक औरत का सभी मद्रों के नाम पर खत – मैं वही वीमेन हूँ जिसे आप आज सभी हैप्पी वीमेन डे(Happy International women’s day) बोल रहे हो

आज सुबह फेसबुक खोली तो , हजारो हैप्पी वूमेंस डे के पोस्ट थे , जोश मैं आये मेरे कुछ मित्रो ने मुझे भी टैग किया हुआ था , मैं सोच रही थी के जिस दिन की आज मुझे ये सब मुबारकबाद दे रहे है , क्या ये सच में औरतो का सम्मान करते भी है के सिर्फ अपनी माँ अपनी बहन तक ही ये आदर या सन्मान है

मेरे कुछ मित्र जो मेरे हैप्पी वैलेंटाइन डे वाली पोस्ट पर मुझे नसीहते दे रहे थे के अपनी फैमली से ही प्यार करना चाहिए वो भी मुझे आज वूमेंस डे की मुबारकबाद दे रहे थे , जो मेरे एक पोस्ट पर अपने आप को सही और मुझे गलत साबित करने के लिए कई तर्क दे रहे थे सिर्फ अपनी मेल ईगो को शांत करने के लिए

apna rangla punjab

जब मैं छोटी थी

जब मैं छोटी थी बड़ी हो रही थी , मुझे घूर घूर कर मुझे यह एहसास दिलाने वालो से के मैं बड़ी हो रही हूँ मैं उनसे हैप्पी वूमेंस डे पर कैसे मुबारकबाद ले लू, तब वो अंकल के मुझे गलत ढंग से टच करने पर और मेरे घरवालों को बताने पर भी कहना के चुप रहो , तो उन्ही से अब वो women एम्पावरमेंट पर लेक्चर कैसे सुन लो जब के मुझे पता है वो अंदर से सोच रहे होंगे के कब ये मुझे अकेली मिले

जब मैं स्कूल को जाती थी तो स्कूल तक जाने वाली बस मेरे लिए टार्चर से कम न थी , वो लड़के जो किसी न किसी बहाने से मेरे पास आना , मेरे पास बैठना , मेरे साथ खड़े होना , मुझे ऐसे छूना जैसे अपने आप ही वो मेरे साथ टकरा गए हो , मुझे और मेरी सहेलिओ का तंग होना और चुप रहना क्यों के घरवालों को न बताना इस डर से कही स्कूल से न हटा ले , वो भी गलत था हमारा चुप रहना , तो उन्ही से अब वो औरतो की इज्जत पर अच्छी अच्छी बाते कैसे सुनु क्यों के मुझे पता है वो अंदर से सोच रहा होगा के वो बस वाले भी क्या दिन थे

the messy girl - drawing by iqbal singh
drawing by iqbal singh

जब टूशन रखी वो जिस से मैं टूशन पड़ती थी ना वो मुझे पढ़ाता कम और मुझे तंग ज्यादा करता था, मैं तो बच्ची थी किसी को कुछ ना बता सकी , मुझे आज अपनी वो गलती और उसकी दरिंदगी पल पल तंग करती है , कभी सोचती हूँ के जो उसने मेरे साथ किया वो उसकी बेटी के साथ भी हो , लेकिन फिर भगवान से माफ़ी मांग लेती हूँ के किसी के साथ भी ऐसा कुछ ना हो, तो ऐसे इंसान से जो लड़की की इज्जत नहीं करता जो उसकी इज्जत को नुक्सान पहुंचना चाहता हो ऐसे इंसान से मैं कैसे औरतो के बारे मैं अच्छी बाते सुन लू क्यों के मुझे पता है वो अंदर से सोच रहा होगा के वो लड़की अकेली हो

जब कॉलेज पास किया ऑफिस में 

जब कॉलेज पास किया तो नौकरी के ऑफिस मैं जो मेरा बॉस था ना वो मुझे अपने पास बुलाता था,मुझे छूने की कोशिश करना मुझे पाना उसका टारगेट हो गया , उस के लिए मैं एक ऐसी फाइल हो गई जिसे वो किसी भी हालत मैं अपने से दूर ना होने देता, वो मुझे एहसास दिलाता के वो ही है जो मुझे प्रमोशन्स के साथ साथ मेरा करियर ऊंचाई तक ले जायेगा , उसकी मेल ईगो एक औरत की मेहनत और कुछ करने का जनून नहीं सिर्फ मुझे देखती थी के ये कब मेरे साथ मेरी हां में हा मिला दे ,ऐसा आदमी जो मेरी मेहनत को नहीं हमेशा मेरे गले के निचे देखता हो ऐसे आदमी से मैं कैसे वूमेंस डे पर मुबारकबाद ले लू क्यों के मुझे पता है वो अंदर से सोच रहा होगा के कब सारा स्टाफ जाये और वो लड़की अकेली हो

जब मेरी शादी हुई

जब मेरी शादी हुई तो मैं खुश थी के मेरे सुख दुःख का साथी मेरी जिंदगी मैं आ चुका है लेकिन ऐसा ना हुआ वो मेरी हर बात को अपनी आन बान और शान पर ले जाता , वो लड़का कौन था , इतनी टाइम से किससे बात कर रही थी, वो मुझे अच्छा नहीं लगता , तुम उससे बात नहीं कर सकती , मुझसे वो बात कम और मुझे बताता था के मैं क्या करू और क्या ना करू

मैं सब कुछ करने के बाद भी उसे खुश ना कर पाई ,मुझे उसकी गलती कम और मैं अपने आप को गलत समझ कर अपने आप को समझा लेती थी के गलती मुझ मैं है रिश्ता मुझे बचाना है, ऐसे आदमी से मैं वूमेंस डे पर मुबारकबाद कैसे ले लू जो सिर्फ इस बात का इन्तजार करता हो के कब सभी मेहमान जाये और वो अपनी बनावटी इज्जत का नकाब उतारे , अपने आप को सभी के सामने अच्छा साबित करे ,और मेरी कोई गलती निकाल कर मुझे नीचा दिखाए

मेरी सासु माँ जिसने मेरी माँ बनना था वो भी तो मेरी माँ ना बन सकी वो तो औरत थी उन्होंने वो सब किया जिस से मैं अपने आप को और कोसने लगी , सोचने लगी के जॉब और परिवार साथ में नहीं चलेगा , जब मेरी सासु माँ को सभी वूमेंस डे पर आज मुबारकबाद दे रहे है तो मैं कैसे सुन लू क्यों के मुझे पता है के वो एक औरत होते हुए भी किसी औरत की आज़ादी का सम्मान नहीं करती है

आज के दिन की मुबारकबाद के हकदार

वो लड़की और उसका भाई जो उस बस में उन लड़को के साथ भिड़ गए थे , मेरी मौसी का बेटा मेरा भाई जिस ने उस अंकल की अकाल टिकने लगा दी थी जो मुझे तंग करता था,मेरा दोस्त अशोक जो मेरे उस टीचर जो मेरे साथ गलत व्यवहार करता था से भिड़ा था , ऑफिस वाले वर्मा जी जिन्होंने मुझे मेरे बॉस के खिलाफ ऊपर मैनेजमेंट में शिकायत करने में साथ दिया , मेरी ननद जो मेरी सहेली बन कर मेरे हर सुख दुःख को बांटा , मेरे ससुर जिन्होंने मेरी सास और मेरे पति को समझाया , ये सभी आज के दिन की मुबारकबाद के हकदार है

ये आप पर है के आप इनमे से क्या बनना चाहते हो वो बस में छेड़ने वाले लड़के जा वो बचाने वाले भाई बहन , वो तंग करने वाला टीचर या मेरा दोस्त अशोक, क्यों के ये खत लिखने वाली तो आपकी बेटी ,बहन , पत्नी , माँ कोई भी हो सकता है


आपको क्या पता के आप की किसी अपनी के साथ ये सब हो रहा हो सिर्फ बाते ना करे उन्हें सम्मान दे , बोलने दे , अपने आप को व्यक्त करने दे तभी असल में आज का दिन वूमेंस डे होगा , नहीं तो यह भी वही आम दिन है जब ये सब आपकी बेटिओ बहनो और बहुओ के साथ अत्याचार चलता जायेगा , सोचने वाली बात है के यह कर कौन रहा है , आप सोचिये के कही आप ही तो भक्षक नहीं ?

रक्षक बनिए भक्षक नहीं

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